अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों ने आरक्षण काम करने पर सर्व समाज ने
कुंजराम रात्रे, महासमुंद
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति के लोगों के साथ राजनीतिक साजिश के चलते भेद भाव कर 16 प्रतिशत आरक्षण को आज 13 प्रतिशत कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी और वर्तमान कांग्रेस की सरकार दोनों ही पार्टी वोटर के रूप में ही अनुसूचित जाति के लोगों का उपयोग कर सत्ता हासिल करना चाहती है लेकिन उन्हें सत्ता और प्रशासन के संवैधानिक पद पर बहुतायत संख्या में देखना नहीं चाहती है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा सत्ता का खेल कर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ ये खेल अब आगे नहीं चलेगा।
इसी धारणा को लेकर आज सर्व अनुसूचित जाति समुदाय की लोगों ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोलते हुए, 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर नाराज व आक्रोसित अनुसूचित जाति के लोग सड़क पर उतरे। बता दें अविभाजित मध्यप्रदेश व पृथक छत्तीसगढ़ में 2013 के पहले 16 प्रतिशत आरक्षण मिल रही थी जिसे आरक्षण संशोधन विधेयक 2012 में आरक्षण प्रतिशत में निराधार संशोधन करते हुए पूर्व सरकार द्वारा 12 प्रतिशत कर दिया गया था। जिसे पूर्ववत बहाल करने की घोषणा पत्र का चुनाव प्रचार प्रसार में कांग्रेस पार्टी द्वारा करके सत्ता प्राप्त किया। परंतु वर्तमान में कैबिनेट की बैठक में 2011 की जनगणना के आधार पर 13 प्रतिशत लागू करने की प्रस्ताव पारित किया गया है।
जो की अनुसूचित जाति वर्ग के साथ भेदभाव है।जिसके विरोध में अनुसूचित जाति के सभी समाज के लोगों द्वारा संयुक्त रूप से 30 नवंबर 2022 को महासमुंद जिला मुख्यालय के लोहिया चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया जहां पर अपने उद्बोधन में लक्ष्मण भारती ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहकर वोट की महत्व को समझें। साथ ही मांग किया गया की वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 18 से 20 प्रतिशत हो गई है। चूंकि 2021 में जनगणना होना था परंतु कोरोना की वजह से नहीं हो पाई है परंतु वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है इसलिए वर्तमान जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति वर्ग की आरक्षण को 16 प्रतिशत करने की मांग की गई जिसके बाद आक्रोश रैली निकाली गई जो लोहिया चौक से कलेक्ट्रेट तक पहुंच कर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री व अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के नाम से ज्ञापन सौंपने के लिए आधे घंटे तक कलेक्ट्रेट के सामने डटे रहे और जमकर नारेबाजी की गई जिसके बाद अपर कलेक्टर ज्ञापन लेने पहुंचे।
जिन्हें समाज के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण को 16 प्रतिशत रखने की मांग की गई। इस आंदोलन में प्रमुख रूप से सतनामी समाज जिला अध्यक्ष दाऊ विजय बंजारे, गाड़ा समाज के जिला अध्यक्ष के. आर. मुखर्जी, रविदास समाज के जिला अध्यक्ष देवेंद्र रौतिया, सारथी समाज के जिला अध्यक्ष तुलेंद्र सागर, तरुण व्यवहार, टोमन सिंह कागजी, हीरा राम नेताम वही इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष भीकम सिंह ठाकुर छत्तीसगढ़िया सर्व समाज के जिला अध्यक्ष बसंत सिन्हा कार्यकारी जिला अध्यक्ष पवन पटेल, issso के जिला अध्यक्ष दौलत रात्रे महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मीना वर्मा नितुरानी बांधे व सभी अनुसूचित जाति वर्ग के महिला, पुरुष, युवक, युवती बड़ी संख्या में संयुक्त रूप से शामिल हुए। आगे प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के जिला मीडिया प्रभारी सोमनाथ टोंडेकर बताया की राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग की मांगों पर विचार नहीं करती तो जल्द ही पूरे छत्तीसगढ़ में व्यापक आंदोलन करने का समाज द्वारा निर्णय लिया गया है जिसकी शुरुआत महासमुंद जिले से हो चुकी है।



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