तीन दिवसीय रामायण मानस गान समापन में पहुंचे जिलाध्यक्ष
महासमुंद। रामायण की शरण में जो भी आता है, उसके सभी दुख दूर भाग जाते हैं। बाहर से हमें हमारा शीशा भी संवार देता है, लेकिन भीतर से सिर्फ भगवान या भगवान की कथा ही संवार सकती है। उपदेश दूसरे को सुधारने के लिए और कथा होती है खुद को संवारने के लिए। कथा हमें भीतर से संवारती। कथा सुनने का मौका भाग्य से भाग्यशाली लोगों को ही मिलता है। झलप में तीन दिवसीय रामायण मानस गान आयोजन के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर शामिल हुई सर्वप्रथम अतिथियों ने भगवान राम के छायाचित्र पर माल्यार्पण और पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के लिए आशीर्वाद लिया।डॉ रश्मि चंद्राकर कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कथा का सिर्फ श्रवण ही न करें, उसे अत्मसात कर अपने साथ ले जाने का भी प्रयास करें।
डॉ रश्मि ने कहा कि छत्तीसगढ़ का भगवान राम से काफी करीब का नाता है। माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थी, वहीं भगवान राम ने भी अपने वनवास के दौरान काफी वक्त छत्तीसगढ़ में गुजारा। आज भी छ्त्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार कई ऐसे स्थान मिल जाएंगे, जिन्हें भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है। रामवनगमन पथ में इन सभी स्थानों को सरकार जोड़ने का प्रयास कर रही है।उक्त अवसर पर सीटू सलूजा प्रदेश महामंत्री किसान कांग्रेस मोहित ध्रुव कीर्ति कोसरिया सरपंच झलप नरेंद्र कौशिक गज्जू ध्रुव ममता चंद्रकार किसन कोसरिया सहित समस्त कांग्रेस जन और ग्रामीण जन उपस्थित थे।
Comments
Post a Comment