बेलसोंडा पंचायत पर लगा भ्रष्टाचार के आरोप कुछ लोगो सरपंच सचिव को बचाने में लगे
महासमुंद। बेलसोंडा पंचायत में जब अधिकारी जांच के लिए आए थे, तब अधिकारियों को भ्रष्टाचार के लिए आवेदन दिए 10 बिंदुओं पर जांच करना था उस पर उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की ,10 बिंदुओं पर जिस पर जांच की लगाए गए थे उसमें चंद्रिका चंद्राकर द्वाराद्वारा और कुलदीप शर्मा के द्वारा सरपंच और सचिव को बचाने की योजना से रिपोर्ट बनाया गया है जो कि रिपोर्ट और वास्तविकता से कोई मेल नहीं खाता.
सरपंच द्वारा किया गया काम सही था या गलत था लेकिन अधिकारियों द्वारा जितेंद्र भाई के द्वारा किए हुए काम को भ्रष्टाचार बोलकर और सरपंच द्वारा किए हुए भ्रष्टाचार को उजागर ना करके उन्होंने भ्रष्टाचार में संलिप्तता दिखाई है
पंचायत से किसी भी ठेकेदार को पैसा देने का वित्तीय अधिकार सरपंच, सचिव को होता है न कि उपसरपंच को होता है ,
बेलसोंडा पंचायत में पिछले साढे 3 साल में 1 करोड़ रुपए आए हैं , 11 लाख का काम जितेंद्र भाई ने करवाए तो 89 लाख का काम किसने करवाया उसके बारे में भी जानकारी दे देना था और अन्य पंचों के द्वारा लाखों रुपए के काम किए गए हैं वह सभी बिल फर्जी होंगे
मंडल तालाब ,नय्या तालाबऔर बाजार का पैसा पंचायत में जमा नहीं होता उसके बारे में भी जानकारी देते,
बेलसोंडा में करोड़ों रुपए का काम हुआ है फिर जो लगे बिल फर्जी होंगे तो अधिकारी सरपंच और सचिव महोदय क्या कर रहे थे जिम्मेदारी का पद लेकर पंचायत के पैसे का दुरुपयोग क्यों कर रहे थे ,
बेलसोंडा के जनता के द्वारा कंप्लेंन पर जांच के लिए आए हुए अधिकारी सरपंच और सचिव को बचाते हुए उपसरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने दस्तावेज बनाएं हम इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे ,
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