विलुप्त होते पंडवानी को खेमिन बाई जैसे पंडवानी रखे जीवित। अशवन्त तुषार साहू

महासमुंद। महासमुंद विधानसभा पटेवा क्षेत्र के ग्राम तोरला में पंडवानी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे किसान नेता अशवन्त तुषार साहू खेमिन बाई ने कार्यक्रम की शुरूआत महाभारत में पांडवों के वनवास को भाव नृत्य द्वारा प्रस्तुति की। 



दिलचस्प बात यह है कि प्रदर्शन की प्रगति के रूप में, तंबूरा अपने प्रदर्शन के दौरान केवल एकमात्र सहारा बन जाता है, कभी-कभी वह इसका उपयोग गदा, अर्जुन के गदा, या कभी-कभी उसके धनुष या रथ को व्यक्त करने के लिए करता है, जबकि अन्य यह रानी द्रौपदी के बाल बन जाता है, जिससे उसे प्रभावी चरित्र और स्पष्टता के साथ विभिन्न पात्रों को खेलने के लिए उनके प्रशंसित प्रदर्शन, द्रौपदी चेहररन, दुष्सन वाध और महाभारत युध्द, भीष्म और अर्जुन के बीच हैं

कार्यक्रम के दौरान पंडवानी गायिका ने अपने लोकगाथा के माध्य से बच्चों को खुब हंसाया भी।

इस मौके पर किसान नेता अशवन्त तुषार साहू ने बच्चों से कहा कि अपनी मिट्टी से जुड़े रहना ही असली संस्कृति है। डॉक्टर बनो या इंजीनियर अपनी परंपरा को भी नहीं भूलन। छत्तीसगढ़ के अलावा पंडवानी पूरे देश भर में प्रचार प्रसार करती है। ताकि भारत वर्ष में लोक कला जीवित रहे।

आयोजक उदय राम गजेंद्र, विमला गजेंद्र,कौशल गजेंद्र ,किरण गजेंद्र व समस्त गजेंद्र परिवार तोरला

साथ में नारायण पटेल, पवन सेन, रमेश पटेल, जगदीश सिंह ठाकुर, नागेश साहू, भागी मेहरा, अत्यधिक संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे |

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