डॉ. विमल चोपड़ा राजनीतिक दिमागी दिवालीयापन छाने का कांग्रेस ने लगया आरोप

महासमुंद 21 नवंबर 2022। पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा पर राजनीतिक दिमागी दिवालीयापन छाने लगा है। डॉ. चोपड़ा के द्वारा विगत दिनों प्रेसवार्ता के माध्यम से स्थानीय विधायक सांसदीय सचिव पर विकास कार्यों के माध्यम से झूठा श्रेय लेने के आरोप पर कांग्रेस नेतागण डॉ. रश्मि चंद्राकर, राशि त्रिभुवन महिलांग, यतेन्द्र साहू, हीरा बंजारे, संजय शर्मा, खिलावन बघेल ने पलटवार करते हुये कहा कि डॉ. विमल चोपड़ा राजनीति के उस पड़ाव पर पहुँच चुके हैं, जहां पर दिमागी दिवालीयापन उन पर छाने लगा है। डॉ. चोपड़ा चार वर्ष के पश्चात भी अपनी हार नहीं पचा पा रहे हैं और स्थानीय विधायक एवं राज्य सरकार पर उल-जुलूल बयानबाजी कर अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने में लगे है।


डॉ. चोपड़ा के बयानों को इंगित करते हुये नेतागणों ने कहा की डॉ. चोपड़ा का यह कहना की विकास कार्य केन्द्र के पैसे से हो रहा है, तो राज्य के जी.एस.टी., वाणिज्यिक कर खनिज एवं वनसंपदा, आबकारी एवं राजस्व के माध्यम से जो राशि केन्द्र सरकार राज्यों से वसूलती है एवं उसका एक निश्चित प्रतिशत राज्यों को लौटाया जाता है। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उसके हक का अंशदान नही दे रही है। इससे ये साबित होता है, कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंशदान से केन्द्र सरकार चल रही है। कांग्रेसजनों ने कहा की डॉ. विमल चोपड़ा अपने गिरेबां में झांके की उनके निर्दलीय विधायक रहते हुये क्षेत्र में केवल तनाव का माहौल रहता था। लाख दो लाख का कार्य कराकर अपना नागरिक अभिनंदन कराया जाता था। जब कांग्रेस का एक सत्तारूढ विधायक विनोद चंद्राकर पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि क्षेत्र के सारे कार्य केन्द्र के पैसे से हो रहे हैं। तो डॉ विमल चोपड़ा निर्दलीय विधायक रहते हुये किस मुंह से इस बात का श्रेय ले रहे हैं की ओव्हरब्रीज का निर्माण की स्वीकृति उन्होंने दिलाया है। जबकि ये बात सर्व विदित है, की डॉ. चोपड़ा के कारण ही वर्षों तक अपने कार्यकर्ता को अनुचित लाभ दिलाना चाहते थे और प्रभावितों का भूअर्जन एवं मुआवजा प्रकरण को वर्षों तक लटका के रखा रहा। जिसके फलस्वरूप क्षेत्र के लोगों को असुविधा के साथ शासन को लागत का अतिरिक्त बोझ भी लादा गया।

डॉ. चोपड़ा के इस बयान पर मेडिकल कॉलेज में विधायक की कोई भूमिका नहीं रही के संदर्भ में कांग्रेस नेतागणों ने कहा की मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति एवं निर्माण प्रारंभ होने के साथ ही नगर के व्यवसायी संगठन एवं नागरिकों के द्वारा विधायक विनोद चंद्राकर का नागरिक अभिनंदन कर सम्मान किया था। उस सम्मान समारोह में स्थानीय विधायक ने विधायक निधि एवं मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर जो राशि एवं डॉक्टर की व्यवस्था के साथ स्थानीय स्तर पर पहल कर अतिक्रमण को हटाकर जमीन उपलब्ध कराई थी उ सिलेसिलेवार लौटा दिया गया था। जबकि समय-समय पर डॉ. चोपड़ा के द्वारा मेडिकल

कॉलेज के गतिविधियों में आपत्ति लेकर लटकाने का घिनौना प्रयास किया जाता रहा। आज भी हम सभी का दावा है, कि क्षेत्र के सांसद श्री चुन्नीलाल साहू अपने स्थानीय संसदीय कार्यालय में बैठकर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का मुख्य रास्ता किधर से जाता है, बता दे तो हम उनको पुष्पगुच्छ से सम्मान कर देंगे। कोरोना काल में सांसद सहित पूर्व विधायक घर में दुबके बैठे थे और आज जब स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर क्षेत्र को सौगात प्राप्त हो रही है, तो इनके पेटों में दर्द हो रहा है। इस पर विधायक पर आरोप लगाना उन नागरिकों का अपमान है, जिन्होंने इस कार्य के लिये विनोद चंद्राकर का नागरिक अभिनंदन किया है। कांग्रेस के पदाधिकारी एवं नेतागणों ने आगे कहा की उन्हें डॉ. चोपड़ा के इस बयान पर हंसी आती है की बाईपास रोड के लिये केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखना और शीघ्र स्वीकृत होने का बयान रूटीन जवाब है। अपने ही पार्टी के केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ उंगली उठाना है। नेतागणों ने कहा की क्या कोई भी विकास कार्य बिना मांगे या बिना कोई लिखा-पढ़ी के हो सकता है ? और जब यह कार्य सांसद को केन्द्रीय बजट में जुड़वाना था तब वो मौन साधे रहे, लेकिन आज जब स्थानीय विधायक अपने प्रयासों से यह कार्य कर रहे हैं, तो भाजपा के नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है। सिरपुर का विकास कार्य जिस तेजी के साथ राज्य सरकार करवा रही है, उससे सिरपुर को विश्व पटल पर बहुत ही जल्द स्थान प्राप्त होगा। लेकिन भाजपा नेता इस सब विकास कार्यों को पचा नहीं पा रहे हैं। नेतागणो ने अंत में कहा की भाजपा के नेताओं का दिमागी दिवालीयापन इस बात से भी सिध्द होता है, कि उन्हें मालूम नहीं की चिरको के नवीन महाविद्यालय के भवन का कार्य प्रारंभ हो चुका है और किसी निर्माण कार्य को पूरा होने में एक निश्चित अवधि लगती है उस निश्चित अवधि में चिरक महाविद्यालय का कार्य पूर्ण हो जायेगा।

स्वेच्छानुदान से जिन सामाजिक संगठनों को एवं जरूरतमंदों को स्थानीय विधाय द्वारा जो राशि दी गई है। इसके अतिरिक्त बहुत से जरूरतमंद भाजपा के कार्यकर्ताओं को बिना भेदभाव के भी जरूरत के अनुसार स्वेच्छानुदान प्रदान किया गया है। उसे बंदर कहना लोगों के साथ भद्दा मजाक है, समय आने पर जनता इसका माकूल जवाब दे विगत चार वर्षों में राज्य में कांग्रेस सत्ता में होने पर भी जनता, किसान, मजदूर, व्यापारी छात्रों की हक की लड़ाई कांग्रेस एवं उनके नेता केन्द्र से लड़ते आये हैं। लेकिन भाजप एक भी नेता इन चार वर्षों में सड़क पर नजर नहीं आये केवल मिडिया में सुर्खियां बटोर लिये सिर्फ बयानबाजी तक ही सिमट गये। डॉ. विमल चोपड़ा, जिनकी जनता ने विगत में जमानत जब्त करवा दी वो भाजपा में अपना अस्तित्व बचाने के लिये उल- बयानबाजी कर रहे है। अच्छा होता वो शांत रहकर स्थानीय विकास कार्यों में सहयोग जनता की सेवा करते ।

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