शासन की अनदेखी से देवगुड़ी के निर्माण का नही मिल रहा लाभ, करेलघाटी देवस्थल को लेकर शासन प्रशासन गंभीर नहीं

करेलघाटी देवस्थल को लेकर शासन प्रशासन गंभीर नहीं , वर्षो पुरानी परंपरा का होता है निर्वहन करेलघाटी देवस्थल में छत्तीसगढ़ सरकार के देवस्थल और संस्कृति को बचाने देवगुड़ी के निर्माण का नही मिल रहा लाभ ग्राम पंचायत की लापरवाही के चलते 


नारायणपुर 29 सितम्बर।  नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत बोर्ंड द्वारा करेलघाटी और जमहरी में स्थित देव स्थलो के रखराव को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाने के चलते देवस्थल जर्जर होने को है । एक ओर प्रदेश सरकार देव स्थलो को सहेजने और संस्कृति परंपरा को बचाने के लिए देवगुढ़ी का निर्माण करा रही है वही ग्राम पंचायत शासन की मंशा पर पानी फेरता नजर आ रहा है । ग्राम पंचायत की लापरवाही के चलते देव स्थल को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत द्वारा देव स्थल को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है जिसके चलते  नाराज ग्रामीणों ने इस बार करेलघाटी में नवरात्रि की पूजा अर्चना नही की ओर मांग की है की जल्द देवस्थलो का जीर्णोधार किया जाए ।  


नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के प्रवेशद्वार करेलघाटी स्थित माता मावली के मंदिर में नवरात्रि के पावन पर्व पर माता की पूजा अर्चना की परंपरा वर्षो से चली आ रही थी लेकिन इस वर्ष यह पुरानी परंपरा का निर्वहन नही होने से मंदिर सुनसान पड़ा हुआ है ।  नारायणपुर कुतुल मार्ग पर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अबूझमाड़ के प्रवेशद्वार करेलघाटी में स्थिति माता मावली मंदिर में राजा जमाने से पूजा अर्चना होती आ रही है पहले मंदिर झोपड़ी में था जिसके बाद ग्रामीणों की मदद जन सहयोग से मंदिर का निर्माण कराया गया था । इस मंदिर के इतिहास के बारे में ग्रामीण नारायण यादव बताते है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान दंडकारण्य कहे जाने वाले इस अबूझमाड़ में रुके थे और करेलघाटी में राक्षस का वध किया था जिसके बाद घाटी के दोनों पहाड़ी में माता रानी का वास हुआ जिसके प्रमाण भी यहां मिले है दोनों पहाड़ियों के बीच मे माता का मंदिर है पहाड़ी के ऊपर कुंड भी बना हुआ है।


राजा जमाने के  निशान यहां है जिसे पता चलता है कि यहां वे पूजा अर्चना करने आते थे । जिसका निर्वहन वर्षो से यहा के ग्रामीण करते आ रहे है लेकिन शासन प्रशासन द्वारा हमारे देव स्थलो को सुरक्षित और बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाने से देव स्थल जर्जर हो रहा है । ग्राम पंचायत की ओर से कोई मदद नहीं की जाती है जिससे लोगो में भी काफी नाराजगी है जिसके फलस्वरुप इस वर्ष नवरात्रि की पूजा अर्चना नही हो पा रही है आने वाले समय में भी ऐसा चलता रहा तो संस्कृति परंपरा विलुप्त हो जायेगी । 

देव स्थलो को सहेजने का कार्य जारी है ग्रामीणों की मांग के अनुरूप

इस पूरे मामले पर जिला पंचायत सीईओ देवेश कुमार ध्रुव ने कहा की शासन की मंशा के अनुरूप देव स्थलो का जीर्णोधार कर संस्कृति और परंपरा को सहेजने का कार्य किया जा रहा है ग्रामीणों  मांग पूरी की जायेगी ।

Comments

Popular posts from this blog

शेरगाॅव महासमुन्द खेत में जुआ खेलते 06 जुआड़ियान गिरफ्तार

भोरिंग से अछोली सड़क मरम्मत कार्य के लिए राशि प्रदान कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

विश्व सायकिल दिवस युवकों ने निकाली जागरूकता रैली