कुपोषण को दूर करने पोषक फसल रागी उत्पादन आज भंवरपुर में फसल की कटाई
महासमुंद 20 मई 2023। छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद ज़िले में मिलेट के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। महासमुंद जिले में पहली बार कुपोषण को दूर करने हेतु लहलहाती पोषक रागी फसल की आज शनिवार को ग्राम भँवरपुर में रागी फसल की हार्वेस्टर के द्वारा कटाई हुई। रागी फसल कृषक संतकुमार पटेल, पूरन पटेल, सागर पटेल एवं अन्य ने लगभग 100 एकड़ में की।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना मिलेट्स मिशन अंतर्गत महासमुंद जिले के अंतर्गत सभी विकासखण्डों में मिलेट्स वर्ष का क्रियान्वयन किया जा रहा है। महासमुंद जिले को कुल लक्ष्य 1500 हेक्टेयर प्राप्त हुआ है। कृषि विभाग ने जिले के पांचों विकासखण्डों को 310 हेक्टेयर में 31 क्विंटल रागी बीज प्रति विकासखण्ड के मान से 155 क्विंटल प्रदाय किया गया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि महासमुंद विकासखण्ड में 220 हेक्टेयर, विकासखण्ड बागबाहरा में 210 हेक्टेयर, विकासखण्ड पिथौरा में 235 हेक्टेयर, विकासखण्ड बसना 280 हेक्टेयर एवं विकासखण्ड सरायपाली में 310 हेक्टेयर में इस प्रकार कुल 1255 हेक्टेयर में क्षेत्राच्छादन किया जा चुका है। शेष लक्ष्य की पूर्ति नर्सरी से बोनी कर किया जा रहा है। धान की अपेक्षा कम पानी में रागी की फसल लिया जा सकता है।
इस योजनांतर्गत जिले के कुल 173 ग्रामों में 1826 कृषक लाभान्वित हो रहे है। 200 हेक्टेयर से अधिक में बीज निगम द्वारा बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत् पंजीयन भी किया गया है। प्रति एकड़ 10 क्विंटल उत्पादन होता है। उत्पादित रागी बीज का भोजन के रूप में उपयोग, आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन एवं गर्भवती महिलाओं को तथा कुपोषित बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए किया जायेगा।
मिलेट में छोटा अनाज और मोटा अनाज दोनों शामिल होते हैं। इन्हें पहाड़ी, तटीय, वर्षा, सूखा आदि इलाकों में बेहद कम संसाधनों में ही उगाया जा सकता है।
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