सुहागिन रखा वट सावित्री व्रत पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना


महासमुंद। आज वट सावित्री व्रत है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को यह व्रत होता है. सुहागिनें इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं. साथ ही वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा और और परिक्रमा करती हैं.


सुहागिन महिलाएं इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और वट वृक्ष या फिर कहें की बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है इस दिन व्रत रखने से सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सारे दुख दूर होता है. हिंदू धर्म में कई व्रत और त्योहार के दौरान बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. वट सावित्री व्रत के दौरान खासतौर से बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है.वट सावित्री व्रत का महत्व

कहा जाता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था। इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आई थीं। इसलिए पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें इस दिन व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सावित्री के समान अपने पति की दीर्घायु की कामना तीनों देवताओं से करती हैं, ताकि उनके पति को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त हो सके।

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