किसान आंदोलन राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया जनमानस में विरोध के साथ संघर्ष का बिगुल फूंका
रायपुर 12 मार्च। विश्व धरोहर सिरपुर राष्ट्रीय धरोहर ही नहीं है यह अंतर्राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विख्यात है और छत्तीसगढ़ के पावनधरा महासमुंद जिले के सिरपुर पर स्थापित है। लगभग 1200 वर्ष से अधिक समय से मानव सभ्यता ने इसे बचाने का गौरव प्राप्त किया है. और इसे संरक्षित किया है परन्तु वर्तमान सांसद, विधायक. पंच-सरपंच आर्थिक भ्रष्टाचार के शिकंजे में गिरफ्त हो गये हैं जिसमे विधायक विनोद सेवन चंद्राकर अपने विधानसभा को धन कमाने का जरिया बना लिया है। जनमानस में विरोध के साथ संघर्ष का बिगुल फूंक चुका है।
तुमगाँव, कॉंवाझर, खैरझिटी, किसान आंदोलन राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा करणी कृपा प्रा.लि. सहित जिलाधीश महासमुंद एस.डी.एम., तहसीलदार पटेवा को जारी किया नोटिस न्याय मिलने तक सत्याग्रह जारी रहेगा
विगत 25 फरवरी 2022 से क्षेत्र के लाखों किसान कोडार बाथ का पानी किसानों से वंचित न हो आदिवासी क्षेत्र नारनवापारा नष्ट न हो क्षेत्र का पर्यावरण दिन-ब-दिन दूषित हो रहा है और जिलाधीश पर्यावरण विभाग नया हायपुर सहित वर्तमान प्रशासन भ्रष्ट आचरण कर आर्थिक लाभ के लिये आम जनता और क्षेत्र का लाभ हानि देखे मंगर कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जब महासमुंद सिरपुर क्षेत्र आये थे, हजारों किसानों न प्रदर्शन करने कूच किया था, और सैकड़ों किसानों को पुलिस अधीक्षक महासमुद ने पिथौरा के जंगल सहित किलोमीटर दूर वाहनों में घुमाते रहे। रात्रि 8:30 बजे महासमुद में मुख्यमंत्री ने किसानों से भेंट की। पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, पत्रकार सहित जिलाधीश की उपस्थिति में जब किसानों ने मुख्यमंत्री को 702 पेज का ज्ञापन प्रस्तुत किया जिस पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिलाधीश महोदय को निर्देश दिया कि किसानों द्वारा लगातार ज्ञापन प्रस्तुत कर आदिवासी भूमि काबिल काश्त भूमि, वन भूमि शासकीय भूमि पर उद्योग का विरोध कर रहे हैं और उयोग भी औद्योगिक क्षेत्र में नहीं है, बैठकर किसानों से बात समाधान निकाले और कानून सम्मत कार्य करें। दूसरे दिन महासमुंद के विद्वान पत्रकारों के साथ पत्रकार वार्ता में पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि जिलाधीश को स्पष्ट निर्देश दिया गया है. सत्याग्रह कर रहे किसानों बैठकर कानून सम्मत रास्ता बनायें परन्तु जिलाधीश ने मुख्यमंत्री की बात सुनने की बजाय उद्योगपति की बात सुनी और आज दिनांक तक एक बार भी किसानों से चर्चा नहीं की। ज्ञात रहे ए.डी.एम. एस. डी. एम. ए.एस. किसानों की टीम और उद्योगपति विमल खेतान, निर्णय चौधरी जरूर बैठक में भाग लिए जिसमें समाधान भी निकला भूमि का सीमावन्न होगा दावा करने वाले किसानों की भूमि भी नापी जायेगी। शासकीय भूमि भी नापी आगी आदिवासी काबिल कास्त भूमि पर भी जवाब देंगे और उद्योगपति द्वारा निर्माण कार्य नहीं होने की बात पर निर्माण कार्य की भी जांच किया जाएगा 15 दिन के अंदर जब सीमांकन और निर्माण कार्य की जांच का समय आयातो महासमुद्र ने सीमांकन और निर्माण कार्य की जांच से इंकार कर दिया। यह एक भ्रष्टाचार का जीता जागता है। किसानों ने संघर्ष को आगे बढ़ाया और जिलाधीश को चुनौती देते हुए माननीय उच्च बिलासपुर में दस्तक दी। पशश के एक आदिवासी किसान श्री अशोक कश्यप ने आदिवासियों के सहयोग से माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की याचिका दायर की सूचना से जिला प्रशासन भौंचक हो गया और को आदिवासियों के महादेव त्यापित मूर्ति को आरंग टोल के टाक एजेन्सी द्वारा नोटिस देकर 5 दिन मेवा देने का समय दिया। छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के अधिवक्ता ने 24 घण्टे में ही जवाब दाखिल कर दिया गया कि टाक प्लाजा आरंग को कोई वैधानिक अधिकार नहीं है कि यह तोडफोड़ की कार्यवाही कर तीसरे दिन रात्रि के पुलिस तुमगांव टाक टोल प्लाजा आरंग पिथौरा द्वारा बुढादेव शिव महादेव को और झण्डे को झोपड़ी सहित हटा दिया गया ।
जिस पर 4 तारीख को आदिवासियों के द्वारा किसानों के साथ मिलकर कानूनी कार्यवाही के लिए बैठक का आयोजन किया गया जिसमें राज्य आंदोलनकारी प्रदेश किसान अध्यक्ष अनिल दुबे, दाऊ जी. पी. चंद्राकर, छन्नू साहू, श्रीधर चंद्राकर, एवं गाँव के लगभग 200 किसान आदिवासियों ने भाग लिया एवं 100 से अधिक किसान तुमगॉव थाने एफ. आई. आर. प्रथम सूचना देने पहुंचे थे वहां ए.एस.पी. आकाश राव थानेदार उपस्थित थे परन्तु उन्होंने आवेदन लेने से इंकार कर दिया। इन्हें करणी कृपा प्रा.लि. का निर्देश था। जब दाऊ जी.पी.चंद्राकर, अनिल दुबे, अनिल दुबे के गनमैन ड्रायवर सिंग राजधानी के लिए निकले, बिरकोनी के पास पिथौरा टी. आई. शिवानंद तिवारी, साइबर सेल टी. आई. नसरूद्दीन, खल्लारी टी.आई. सहित 10-12 पुलिस वर्दी में हाथ दिखाये जिसे अनिल दुबे जिस वाहन में बैठे थे अपने वाहन को रूकवाकर अपने गनमैन से कहा बात करो। शिवानंद तिवारी, टी.आई. पिथौरा ने महासमुंद में पुलिस अधीक्षक जिलाधीश बात करने के लिए इंतजार कर रहे हैं वार्ता के लिए आपको बुलाये हैं कहा। जब वार्ता के लिए सहमति बनी तो अनिल दुबे सहित वाहन महासमुंद लाया गया लेकिन इधर-उधर घुमाकर साइबर सेल सिटी कोतवाली के पीछे ले जाया गया जहां अभी आ रहे हैं एस.पी. साहब, अभी आ रहे हैं एस.पी. साहब कहकर घण्टों होने पर जब श्री अनिल दुबे द्वारा कहा कि मैं इंतजार नहीं करूंगा तब श्री शिवानंद तिवारी ने सामान की जप्ती करना प्रारंभ किया और गिरफ्तारी की संभावना बताई। तब श्री अनिल दुबे द्वारा गिरफ्तारी के लिखित आदेश मांगे गये तब वे इंतजार करने की बात किये। फिर गिरफ्तारी की सूचना गनमैन को देकर जप्त सामान दिया गया जिसमें नगद 8340/- रू. गनमैन को नहीं दिया गया। जिसकी शिकायत जेल के माध्यम से एस.डी.एम. को तत्काल भेजी गई एवं माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन दिया गया । इस प्रकरण में गिरफ्तारी के विरोध में माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जा रही है। ज्ञात रहे गिरफ्तारी मेरी महासमुंद साइबर सेल में हुई और थाना तुमगाँव दर्शाया जा रहा है। जबकि थाना तुमगॉव सालों से मैं गया ही नहीं हूं । गिरफ्तारी के समय मेरा सी.सी.टी.वी. फुटेज मैंने मांगा है थाना तुमगाँव में मेरी गिरफ्तारी के समय सी.सी.टी.वी. फुटेज के साथ मेरे पास प्रमाण है कि मेरी गिरफ्तारी महासमुंद मे हुई है। यह झूठा प्रकरण माननीय न्यायालय में हमारे पूर्व नेता स्व. जार्ज फर्नाडीज के बाद हमारे द्वारा लगाया जा रहा है। माननीय जार्ज फर्नाडीज ने धारा 151 को उन्होंने चैलेंज किया था। 151 के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा कारखाना मालिक से आर्थिक पैकेज लेकर क्या करने वाले थे. यह खुलासा भी न्यायालय की जांच में सामने हुवा हैं।
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