भावनात्मक विकास हेतु महासमुन्द जिले के आंगनबाड़ी में किया जाएंगी संगीत पर आधारित गतिविधियाँ
संगीत का भावनाओं पर , दिलोदिमाग पर गहरा असर होता है । बाल्यावस्था में IQ (intelligent Quotient) Development (संज्ञानात्मक विकास) के साथ EQ (Emotional Quotient) (भावनात्मक विकास) भी आवश्यक है । इस बात के दृष्टिगत महासमुन्द जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में भारतीय संगीत पर आधारित गतिविधियां प्रारम्भ की जा रही हैं ।
इसकी कार्ययोजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को भारतीय संगीत के प्रसिद्ध संगीतज्ञों यथा पंडित शिव कुमार शर्मा (संतूर) , पंडित हरि प्रसाद चौरसिया बांसुरी, पंडित रविशंकर (सितार) द्वारा विभिन्न वाद्ययंत्रों में बजाए गए संगीत को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा मोबाइल पर 5 से 7 मिनट के लिए सुनाया जाएगा । इसको सुनने के बाद बच्चों के मन में जो भी बातें आएंगी उनकी चर्चा कार्यकर्ता द्वारा मुक्त वार्तालाप की गतिविधि द्वारा की जाएगी , कागज़ पर रंगों के प्रयोग से अपनी भावनाओं को चित्र रूप में उतारने की गतिविधि करवाई जाएगी , मन मे आने वाली भावनाओं को कहानी का रूप देने बच्चों से कहा जाएगा (बच्चों द्वारा बनाई गई कहानी को लिखकर संरक्ष�


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